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४ फेब्रुवारी २०२४: पुज्य गुरुजी जन्म-शताब्दी के उपलक्ष्यमें ग्लोबल पॅगोडा पर १ दिवसीय मेगा कोर्स !

प्रिय धम्म

भाइयो और बहनो,

पूज्य गुरुजी श्री सत्यनारायण गोयन्का जी (१९२४-२०२४) की जन्म शताब्दी पर आप सभी को मंगल मैत्री।

गुरुजी ने बहुत करुणा और मैत्री के साथ हम सभी को विपश्यना की शुद्ध विधा का धर्मदान दिया। हमें अपने दुखों से मुक्त होने का मार्ग दिखाया, और इस कार्य में आत्मनिर्भर बनाया। उन्होंने अपने जीवन के ५८ वर्ष अपने आप को धर्म में पुष्ट करने और धर्म को वितरित करने में लगाया। १९६९ में भारत आने के बाद से उन्होंने विपश्यना को विश्वभर में अनेकों साधकों तक पहुँचाया। विपश्यना ने हमें अपने मन को निर्मल बनाने और अनेकों धर्म-पिपासुओं की सेवा करने का अवसर दिया जिससे हमें द्वितीय बुद्ध शासन में अपना योगदान दे कर पारमी अर्जित करने का मौका मिला।

अब पूज्य गुरुजी की जन्म शताब्दी एक ऐसा अवसर है जब हम गुरुजी के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करने के साथ-साथ अपनी साधना व सेवा को नई ऊर्जा से भर सकते हैं। इसलिए मुंबई स्थित “विश्व विपश्यना पगोडा” पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है, जिसका सीधा प्रसारण यूट्यूब पर भी किया जायगा।

यह कार्यक्रम रविवार के दिन फरवरी ०४, २०२४ को विश्व विपश्यना पगोडा पर सुबह १० बजे से सायं ०४ बजे के बीच होगा। हम आशा करते हैं कि “विश्व विपश्यना पगोडा” में निधानित भगवान बुद्ध की शरीर धातु के नीचे अधिक से अधिक संख्या में हम सभी एक साथ बैठ कर तपने के इस सुअवसर का लाभ अवश्य उठायेंगे।

गुरुजी अनेकों बार भगवान की इस वाणी का महत्त्व समझाते थे “समग्गानं तपो सुखो” – साथ मिल कर तपना बहुत सुखदायक है।

तो आइए, फरवरी ०४, २०२४ को, हम विश्व में जहाँ कहीं भी हों, अपने तथा बहुतों के हित-सुख के लिए मिलकर विपश्यना साधना करें अर्थात सारे विश्व के लोग समग्गानं का लाभ उठायें। सब की एकत्रित ऊर्जा के बल पर सारे विश्व का कल हो। पूज्य गुरुजी के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करने का यह बहुत बड़ा और योग्य सुअवसर है। 3

हम आपका यथानुकूल किसी भी समय जुड़ने का स्वागत करते हैं। आप इस कार्यक्रम से अनेक प्रकार से जुड़ सकते हैं,

जैसे:

१. विश्व विपश्यना पगोडा पर साधना कर सकते हैं

(पंजीकरण की लिंक: (https://centenary.globalpagoda.org)

२. समीप के विपश्यना केन्द्र पर साधना कर सकते हैं, (केंद्र पर सुविधा हो तो) (सर्वत्र सीधा प्रसारण होगा।)

३. सामूहिक साधना के लिए जिन स्थलों पर साधारणतया जाते हों, वहीं सुविधा करके साधना कर कते हैं।

४. स्थानीय धम्म-बन्धुओं के साथ सामूहिक साधना का आयोजन करके भी जुड़ सकते हैं।

५. घर या कार्यालय में भी सुविधा करके साधना कर सकते हैं।

इस कार्यक्रम का सिधा प्रसारण लाईव्ह YouTube के माध्यम से किया जायेगा!

https://youtube.com/live/KSKfzUOvWjQ?feature=share

 

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